योग के नियमित अभ्यास से मिलते हैं ये 10 फायदे

योगासन का नियमित अभ्यास आपके मन-मस्तिष्क को ही ताकत नहीं देता, बल्कि शरीर को भी बाहर और भीतर से शक्ति प्रदान करता है। आइए जानते हैं योग करने के ऐसे ही 10 फायदे।
-पूरे शरीर की फिटनेस :
इसके नियमित अभ्यास से आप पूरी तरह फिट महसूस करेंगे। इससे शारीरिक ही नहीं, मानसिक और भावनात्मक संतुलन भी महसूस होता है।
वजन रहे नियंत्रित : अगर आप अपने वजन को लेकर चिंतित रहते हैं, तो सूर्य नमस्कार और कपालभाति प्राणायाम का अभ्यास आपके लिए अमृत तुल्य साबित होगा।
9तनाव से दिलाए राहत :
योगासन के कुछ मिनट के नियमित अभ्यास से आप तनाव से राहत पा सकते हैं। यह मन और तन दोनों को काफी सहज रखने की क्षमता रखता है।
-दे आंतरिक शांति : हम सुकून, प्राकृतिक खूबसूरती और सहजता की जरूरत महसूस करते हैं। इसके लिए आंतरिक शांति चाहिए, जो योग से मिलती है।
-इम्यूनिटी बढ़ाए : शरीर की इम्यूनिटी कमजोर होने से बीमारियां जल्दी घेरती हैं, इस समस्या से भी राहत दिलाता है योगासन।
-जागरूक बनाए :  प्राणायाम का नियमित अभ्यास हमें भविष्य की चिंताओं को दूर कर वर्तमान में जीना सिखाता है, जिससे हम खुश व जागरूक बने रहते हैं।
-संबंध सुधारे :
जब मन सहज और खुश रहता है, तो उसका असर रिश्तों पर भी पड़ता है और योग से यह काम बखूबी होता है।
-पॉस्चर सुधारे :
योगासन के अभ्यास से आपके बॉडी पॉस्चर में सुधार होता है, जिससे शरीर अधिक स्वस्थ रहता है।
-ऊर्जा बढ़ाए :
योगासन के 10 मिनट के नियमित अभ्यास से आप दिन भर की थकान के बाद भी ऊर्जा और ताजगी महसूस करेंगे। 
-आंतरिक ज्ञान को सुधारे : योगासन का नियमित अभ्यास आपकी आंतरिक क्षमता को उभार कर सामने लाता है, जिससे आपके व्यक्तित्व में निखार आता है।
स्वस्थ रहने के लिए अगर आप भी योग की शुरूआत करना चाह रहे हैं तो सबसे पहले ये प्रश्न दिमाग में आता है कि कहां से शुरू करें। क्योंकि हर बार योगा टीचर के पास जाना मुमकिन नहीं होता है। ऐसे में कुछ सरल योगासन आपकी मदद कर सकते हैं। इनकी मदद से आप एक स्वस्थ जीवनशैली को अपना सकते हैं। तो चलिए जानें कौन से आसन योग की शुरूआत करने के लिए सही होंगे।

बालासन
सबसे आसान योग बालासन है। जिसे करने से दिमाग तो शांत होता ही है साथ ही कमर के निचले हिस्से में होने वाले दर्द से आराम मिलता है। हिप्स, घुटने, एड़ी के साथ ही कंधे और गर्दन के दर्द में राहत मिलती है। हांलाकि इस बात का ध्यान रखे कि अगर किसी को घुटने या एड़ी में चोट लगी हो या कोई और समस्या हो तो इस आसन को करने से बचना चाहिए।
अधोमुख श्वानासन
इस आसन को करने से बांहों के साथ ही कंधे और पीठ को मजबूती मिलती है। इसकी मदद से भी कमर दर्द में राहत मिलती है। हांलाकि अगर किसी के कलाइयों में तकलीफ है या गर्भावस्था है तो उसे भी इस आसन को नहीं करना चाहिए।
वशिष्ठासन या प्लैंक
ज्यादातर इस आसन को पेट की चर्बी और मोटापा कम करने के लिए किया जाता है। अगर आप योग की शुरूआत मोटापे को कम करने के लिए कर रहे हैं तो ये आसन सबसे बढ़िया है। इस आसन को करते समय कमर और गर्दन का खास ख्याल रखें।

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