uttam tyag
रात्रि भोजन त्याग और देव दर्शन करने वाला ही सच्चा जैन है।।
उत्तम त्याग स्टेटस
आज उत्तम त्याग का दिन है।।
त्याग जो करेगा , सम्मान वही पाएगा।।
संग्रह जो करेगा, वही पतन को पाएगा।।
______________________________
_______________________________________________
दुनिया आप के दान की भूखी नहीं, वह आपके उस अत्याचार से पीड़ित हैं। जो आप धन कमाने के लिए करते हैं। दान बहुत बड़ा पुण्य है, लेकिन उसके लिए पाप करके धन इकट्ठा करना बहुत बड़ी बेवकूफी है।।
दुनिया त्यागी का गुणगान करती है ,रागी का नहीं।।
इस संस्कृति में त्यागी को नमस्कार किया गया है, रागियो को नहीं।।
_____________________________________
उत्तम त्याग स्टेटस
त्याग धर्म ही जगत लगावे पार है।
त्याग धर्म ही निश्चय से भव पार है।।
उत्तम त्याग धर्म धारी गुरु है, कहे।
मन वच तन से ध्याऊं, चरण में है रहे ।।
उत्तम त्याग स्टेटस
यह धर्म हमारा, जग से न्यारा, उत्तम त्याग बताता है।।
उत्तम त्याग स्टेटस
शुभ त्याग की महिमा, त्याग की गरिमा। मुक्तिपथ दिलवाता है। हो मन की शुद्धि, हो तन की शुद्धि, पूजा करने आया हूं।। उत्तम तपधारी, मुनि हमारे, चरणों में शीश झुकाता हूं।।
उत्तम त्याग स्टेटस
_____________________________________
गुरुवर कहते हैं। दान चार प्रकार का होता है, मुनि, आर्यिका, श्रावक, श्राविका यह चार प्रकार के संघ को देना चाहिए।। क्योंकि धन तो बिजली की चमक के समान प्रकाशवान है।।
उत्तम त्याग स्टेटस
वस्तु का त्याग ही त्याग नहीं है, उसके साथ राग का भी त्याग करो।।
त्याग एक ऐसा सरोवर है। जिसके पास जाने पर भी गर्म लू भी ठंडी बन जाती है।।
अपने आप पर अधिकार करने के लिए भी त्याग की आवश्यकता है।।
uttam tyag Status
जिससे कुलाचार और श्रावक धर्म नष्ट होता है, ऐसी वस्तुओं का दूर से ही त्याग कर देना चाहिए।।
uttam tyag Status
उत्तम धर्म हमें यही सिखाता है,मन को संतोष बनाओ की इच्छा और भावनाओं का त्याग करना मुमकिन है।।
uttam tyag Status
त्याग भावना भी तेरी आत्मा को शुद्ध बनाकर ही होती है।।
पवित्र वस्तु कुत्तों को ना दो, अपने मोती सूअरों के आगे ना फेकू।।
uttam tyag Status
बुद्धिमान व्यक्ति को बचपन से ही भक्ति धर्म का अनुशीलन करना चाहिए।।
uttam tyag Status
थोड़ी भी काम ना रहने पर भगवान को नहीं पाया जा सकता।।
जैसे हल्की गांठ रहने पर सुई के भीतर धागा नहीं जाता।।
uttam tyag Status
uttam tyag Status
विषम त्याग और आसक्ति त्याग होने पर प्रेम की प्राप्ति होती है।।
uttam tyag Status
यदि मन में विषय वासना का उदय ना हो, अभी अर्थात त्याग हुआ।।
uttam tyag Status
जब तक ईश्वर की इच्छा नहीं होती, जब तक उनका दर्शन नहीं होता।।
अहंकार का पूर्णता त्याग ना होने पर ईश्वर की कृपा नहीं होती।।
uttam tyag Status
जिस प्रकार रेशम का कीड़ा अपनी रेशों से घर बनाकर उसमें बंध हो जाता है।।
उसी प्रकार संसारी जीव अपने कर्मों से स्वयं बंध हो जाता है।।
uttam tyag Status
दान, आमदनी का 10 प्रतिशत ही नहीं, अपने समय का ,कार का उपयोग भी धर्म के खाते में 10 प्रतिशत जाना चाहिये ।मुनि श्री सुधासागर जी
uttam tyag Status
एक कंजूस सेठ को बावर्ची ने बहुत घी लगी हुयी रोटी दी ।
सेठ नाराज हुआ, इतना घी !!!
बावर्ची बोला क्षमा करें, गलती से मेरी रोटी आपके पास आ गयी ।
उपयोग नहीं करोगे तो चोर उसका दुरुपयोग करेंगे ।
uttam tyag Status
हाथी के एक कौर में से एक छोटा सा टुकड़ा गिर जाने से हजारों चीटिंयों का पेट भर जाता है ।
तो क्यों ना दान करें।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
uttam tyag Status
त्यागी हुयी चीजों को तो पशु भी वापिस नहीं स्वीकारते,
चाहे वह त्यागी हुयी चीज उनके बच्चे की ही क्यों ना हो ।
श्री लालामणी भाई
0 Comments