Gulzar Shayari in Hindi || Gulzar Shayari

Gulzar Shayari in Hindi


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गुलज़ार  परिचय

संपूर्ण सिंह कालरा (जन्म १८ अगस्त १९३४), जिन्हें पेशेवर रूप से गुलज़ार या गुलज़ार साब के नाम से जाना जाता है, एक भारतीय गीतकार, कवि, लेखक, पटकथा लेखक और फ़िल्म निर्देशक हैं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत संगीत निर्देशक एस.डी. 1963 की फिल्म बंदिनी में एक गीतकार के रूप में बर्मन और आरडी बर्मन, सलिल चौधरी, विशाल भारद्वाज और ए आर रहमान सहित कई संगीत निर्देशकों के साथ काम किया। उन्हें २००४ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया, भारत में तीसरा सबसे बड़ा नागरिक पुरस्कार,  साहित्य अकादमी पुरस्कार, और दादासाहेब फाल्के पुरस्कार - भारतीय सिनेमा में सर्वोच्च पुरस्कार। उन्होंने 5 कई भारतीय राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, 22 फिल्मफेयर पुरस्कार, एक अकादमी पुरस्कार और एक ग्रेमी पुरस्कार जीता है।


Gulzar Shayari in Hindi

Gulzar Shayari in Hindi
Gulzar Shayari in Hindi





(1) शायर बनना बहुत आसान हैं,
बस एक अधूरी मोहब्बत की मुकम्मल डिग्री चाहिए।

Shayar Bananaa Bahuta Aasaan Hain,
Bas Ek Adhuri Mohabbat Ki Mukammal Degree Chahiye…



 (2) मिलता तो बहुत कुछ है इस ज़िन्दगी में,
बस हम गिनती उसी की करते है जो हासिल ना हो सका।

Milana To Bahut Kuchh Hain Is Zindagi Me,
Bas Ham Ginati Usi Ki Karate Hain, Jo Hasil Na Ho Saka..



(3) वो चीज़ जिसे दिल कहते हैं,
हम भूल गए हैं रख के कहीं।

Wo Chiz Jise Dil Kahate Hain,
Ham Bhul Gaye Hain Rakh Ke Kahi….




(4) तेरे जाने से तो कुछ बदला नहीं,
रात भी आयी और चाँद भी था, मगर नींद नहीं।

Tere JANE Se To Kuchh Badala Nahi,
Raat Bhi Aayi Chand Bhi Tha, Magar Neend Nahi…


gulzar shayari image
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(5) कभी तो चौक के देखे कोई हमारी तरफ़,
किसी की आँखों में हमको भी को इंतजार दिखे।

Kabhi To Cauk Ke Dekhe Koi Hamari Taraf,
Kisi Ki Ankhon Me Hamako Bhi Ko Intzaar Dikhe..


Gulzar Shayaris



(6) दिल अगर हैं तो दर्द भी होंगा,
इसका शायद कोई हल नहीं हैं।

Dil Agar Hain To Dard Bhi Hoga,
Isaka Shayad Koi Hal NAHI Hoga..

Gulzar Sad Shayari

(7) रोई है किसी छत पे, अकेले ही में घुटकर,
उतरी जो लबों पर तो वो नमकीन थी बारिश।

Royi Hain Kisi Chhat Pe, Akeli Hi Me Ghutkat,
Utari Jo Labon Par To Wo Namkin Thi Barish..


gulzar shayari on life in hindi
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(8) दिन कुछ ऐसे गुज़ारता है कोई,
जैसे एहसान उतारता है कोई।

Din Kuchh Ese Guzarata Hain Koi,
Jaise Ehasaaan Utarata Hain Koi..

Gulzar Hindi Shayari
Gulzar Shayaris




(9) हम तो अब याद भी नहीं करते,
आप को हिचकी लग गई कैसे?

Ham To Ab Yaad Bhi Nahi Karate,
Aap Ko Hichakiyan Lag Kaise Lagi?

Gulzar Sad Shayari

(10) कभी जिंदगी एक पल में गुजर जाती हैं,
और कभी जिंदगी का एक पल नहीं गुजरता।

Kabhi Zindagi Ek Pal Me Guzar Jati Hain,
Aur Kabhi Zindagi Ka Ek Pal Nahi Guzarata..

Gulzar Ki Shayari



(11) उसने कागज की कई कश्तिया पानी उतारी और,
ये कह के बहा दी कि समन्दर में मिलेंगे।

Usane Kagaz Ki Kayi Kashtiyan Pani Utari Aur
Ye Kah Kar Baha Di Ki Samundar Me Milenge..



(12) सुना हैं काफी पढ़ लिख गए हो तुम,
कभी वो भी पढ़ो जो हम कह नहीं पाते हैं।

Suna Hain Kafi Padh Likh Gaye Hoo Tum,
Kabhi Wo Bhi Padhon Jo Ham Kah Nahi Pate Hain..


gulzar shayari love in hindi
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(13) बिगड़ैल हैं ये यादे,
देर रात को टहलने निकलती हैं।

Bigadail Hain Ye Yaade,
Der Raat Tak Tahalane Nikalati Hain..

Gulzar Shayari


(14) मैं दिया हूँ! मेरी दुश्मनी तो सिर्फ अँधेरे से हैं,
हवा तो बेवजह ही मेरे खिलाफ हैं।

Main Diya Hun! Meri Dushamani To Sirf Andhere Se HAIN,
Hawa To Bewajah Hi Mere Khilaf Hain..



(15) कोई पुछ रहा हैं मुझसे मेरी जिंदगी की कीमत,
मुझे याद आ रहा है तेरा हल्के से मुस्कुराना।

Koi Puchh Raha Hain Mujhse Meri Zindagi Ki Kimat,
Mujhe Yaad Aa Raha Hain Tera Halke Se Muskurana..

गुलजार साहब की मशहूर शायरी



(16) मैंने दबी आवाज़ में पूछा? मुहब्बत करने लगी हो?
नज़रें झुका कर वो बोली! बहुत।

Maine Dabi Aawaz Me Puchh? Mohabbat Karane Lagi Ho?
Nazare Jhuka Kar Wo Boli! Bahut…



(17) बहुत अंदर तक जला देती हैं,
वो शिकायते जो बया नहीं होती।

Bahut Andar Tak Jala Deti Hain,
Wo Shikayate Jo Bayan Nahi Hoti..




(18) अच्छी किताबें और अच्छे लोग, तुरंत समझ में नहीं आते,
उन्हें पढना पड़ता हैं।

Achchi Kitabe Aur Achche Log Turnt Samajh Me Nahi Aate,
Unhe Padhana Hota Hain..

gulzar quotes
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(19) कुछ अलग करना हो तो भीड़ से हट के चलिए,
भीड़ साहस तो देती हैं मगर पहचान छिन लेती हैं।

Kuchh Alag Karana Ho To, Bheed Se Hat Ke Chaliye,
Bheed Sahas Deti Hain, Magar Pahachaan Chhin Leti Hain..



(20) फिर वहीं लौट के जाना होगा,
यार ने कैसी रिहाई दी है।

Fir Wahi Laut Ke Jana Hoga,
Yaar Ne Kaisi Rihayi Di Hain..

Gulzar Shayaris




(21) आप के बाद हर घड़ी हम ने,
आप के साथ ही गुज़ारी है।

Aap Ke Baad Har Ghadi Ham Ne,
Aap Ke Sath Hi Guzari Hain..


gulzar quotes in hindi
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(22) हम ने अक्सर तुम्हारी राहों में,
रुक कर अपना ही इंतिज़ार किया।

Ham Ne Aksar Tumhari Raahon Me
Ruk Kar Apana Hi Intzaar Kiya..

Romantic Gulzar Shayari


Gulzar Shayaris
(23) ज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हा,
क़ाफ़िला साथ और सफ़र तन्हा।

Zindagi Yun Hi Basar Tanha,
Kafila Sath Aur Safar Tanha..



(24) वक़्त रहता नहीं कहीं टिक कर,
आदत इस की भी आदमी सी है।

Waqt Rahata Nahi Kahi Tik Ke,
Aadat Is Ki Adami Si Hain..



(25) आइना देख कर तसल्ली हुई,

हम को इस घर में जानता है कोई।
Aayina Dekh Kar Tasalli Huyi,
Hamko Is Ghar Me Janata Hain Koi..



gulzar sad shayari
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Gulzar Ki Shayari


(26) मैं हर रात सारी ख्वाहिशों को खुद से पहले सुला देता,
हूँ मगर रोज़ सुबह ये मुझसे पहले जाग जाती है।

Main Har Raat Ki Khwahishon Ko Khud Se Pahale Sula Deta,
Hun Magar Roz Subah Ye Mujhase Pahalae Jaag Jati Hain…




(27) एक बार तो यूँ होगा, थोड़ा सा सुकून होगा,
ना दिल में कसक होगी, ना सर में जूनून होगा।

Ek Baar To U Hoga, Thoda Sa Sukun Hoga,
Naa Dil Me Kasak Hogi, Naa Sar Me Junun Hoga..



(28) छोटा सा साया था, आँखों में आया था,
हमने दो बूंदों से मन भर लिया।

Chhota Sa Saya Tha, Ankhon Me Aaya Tha.
Hamane Do Bundo Se man Bhar Liya..



(29) ज्यादा कुछ नहीं बदलता उम्र के साथ,
बस बचपन की जिद्द समझौतों में बदल जाती हैं।

Jyaada Kuchh nahi Badalata Umr Ke Sath,
Bas Bachapan Ki Zidd Samjhauto Me Badal Jati Hain..



gulzar sad shayari
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(30) बचपन में भरी दुपहरी में नाप आते थे पूरा मोहल्ला,
जब से डिग्रियां समझ में आयी पांव जलने लगे हैं।

Bachapan Me Bhari Dupahari Me Naap Aate The Pura Mohalla,
Jab Se Degreeyan Damajh Me Aayi Panv Jalane Lage..

गुलजार साहब की मशहूर शायरी



Gulzar Shayari 


आँखों से आँसुओं के मरासिम पुराने हैं
मेहमाँ ये घर में आएँ तो चुभता नहीं धुआँ


यूँ भी इक बार तो होता कि समुंदर बहता
कोई एहसास तो दरिया की अना का होता


gulzar shayari love in hindi
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इश्क़ की तलाश में

क्यों निकलते हो तुम,

इश्क़ खुद तलाश लेता है

जिसे बर्बाद करना होता है।


मिलता तो बहुत कुछ है इस ज़िन्दगी में, ​बस हम गिनती उसी की करते है जो हासिल ना हो सका।


वो शख़्स जो कभी मेरा था ही नही, उसने मुझे किसी और का भी नही होने दिया.




मैंने दबी आवाज़ में पूछा? मुहब्बत करने लगी हो? नज़रें झुका कर वो बोली! बहुत।

gulzar sad shayari in hindi
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सालों बाद मिले वो गले लगाकर रोने लगे, जाते वक्त जिसने कहा था तुम्हारे जैसे हज़ार मिलेंगे.

Gulzar Shayari in Hindi





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शाम से आँख में नमी सी है, आज फिर आप की कमी सी है. दफ़्न कर दो हमें के साँस मिले, नब्ज़ कुछ देर से थमी सी है मिलता तो बहुत कुछ है इस ज़िन्दगी में, ​बस हम गिनती उसी की करते है जो हासिल ना हो सका। मैं हर रात सारी ख्वाहिशों को खुद से पहले सुला देता, हूँ मगर रोज़ सुबह ये मुझसे पहले जाग जाती है। वक़्त रहता नहीं कहीं टिक कर, आदत इस की भी आदमी सी है। आऊं तो सुबह, जाऊं तो मेरा नाम शबा लिखना, बर्फ पड़े तो बर्फ पे मेरा नाम दुआ


वो शख़्स जो कभी
मेरा था ही नही,
उसने मुझे किसी और का भी
नही होने दिया.


मैंने दबी आवाज़ में पूछा? मुहब्बत करने लगी हो?
नज़रें झुका कर वो बोली! बहुत।


कोई पुछ रहा हैं मुझसे मेरी जिंदगी की कीमत,
मुझे याद आ रहा है तेरा हल्के से मुस्कुराना।


सालों बाद मिले वो
गले लगाकर रोने लगे,
जाते वक्त जिसने कहा था
तुम्हारे जैसे हज़ार मिलेंगे.



मैं दिया हूँ! मेरी दुश्मनी तो सिर्फ अँधेरे से हैं, 
हवा तो बेवजह ही मेरे खिलाफ हैं।


जब भी आंखों में अश्क भर आए
लोग कुछ डूबते नजर आए
चांद जितने भी गुम हुए शब के
सब के इल्ज़ाम मेरे सर आए


जबसे तुम्हारे नाम की
मिसरी होंठ लगाई है
मीठा सा गम है,
और मीठी सी तन्हाई है.


वक्त कटता भी नही
वक्त रुकता भी नही
दिल है सजदे में मगर
इश्क झुकता भी नही


एक बार जब तुमको बरसते पानियों के पार देखा था
यूँ लगा था जैसे गुनगुनाता एक आबशार देखा था
तब से मेरी नींद में बसती रहती हो
बोलती बहुत हो और हँसती रहती हो.


मेरा ख्याल है अभी, झुकी हुई निगाह में
खिली हुई हँसी भी है, दबी हुई सी चाह में
मैं जानता हूं, मेरा नाम गुनगुना रही है वो
यही ख्याल है मुझे, के साथ आ रही है वो


बिगड़ैल हैं ये यादे, 
देर रात को टहलने निकलती हैं।



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